Saturday, May 7, 2011

हस्तरेखा का सिद्धांत

हस्तरेखा और उसका सच - हस्तरेखा का सिद्धांत


हस्तरेखा का मुख्य सिद्धांत यह है की फलादेश करते समय व्यक्ति के लिंग, देश, काल और जाती/धर्म का ध्यान रखना आवश्यक है, क्यों की व्यक्ति के जीवन पर इनका विशेष प्रभाव होता है ! अब मान लीजिये आप किसी महिला का हाथ देखते है और उस महिला के हाथ में तलाक का योग स्पष्ट है, लेकिन वह महिला एक ऐसे समाज से है जहा पर तलाक का अर्थ सिर्फ मृत्यु है तो अब ऐसे में आपका फलादेश सर्वथा गलत साबित होना ही है ! आप को यहाँ पर तलाक का ना कह कर सिर्फ इतना कह कर अपनी बात ख़त्म कर देनी चाहिए की आपका वैवाहिक जीवन संतोषजनक नहीं होना चाहिए !
हम सभी का भाग्य एक दूसरे से अलग होता है लेकिन हाथ में रेखाए सीमित होती है इसलिए एक ही योग के कई अर्थ होते है !
हथेली में पाए जाने वाली खडी रेखा हमेशा अच्छी होती है व आड़ी रेखा हमेशा बुरी होती है ! यदि खडी रेखा किसी भी मुख्य रेखा के साथ या किसी भी पर्वत पर पाई जाती है तो वो उसका प्रभाव बड़ा देती है इसके ठीक विपरीत यदि आड़ी रेखा किसी मुख्य रेखा को काट देती है या किसी पर्वत पर पाई जाती है तो उसका प्रभाव कम कर देती है !
यदि हाथ की तीनो मुख्य रेखा दोषमुक्त/स्पष्ट हो तो व्यक्ति को जीवन में जरूर सफलता प्राप्त होती है लेकिन अगर ये तीनो मुख्य रेखाये दोषयुक्त, कटी-फटी द्वीपयुक्त हो तो व्यक्ति को सफलता के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ता है !

- नितिन कुमार


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