Thursday, May 5, 2011

मित्र व शत्रु रेखाए - Friend and Enemy Lines Indian Palmistry

मित्र व शत्रु रेखाए

OCCULT SOLUTIONS FOR PROBLEMS
प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में मित्र व शत्रु होते है ! आइये, हस्तरेखा से जानते है की आपके शत्रु अधिक है या मित्र !
हमारी उंगलियों पर पर्व बने हुए होते है यदि आप ध्यानपूर्वक इन पर्वो के मध्य में देखेंगे तो पायेंगे की कई खड़ी व आड़ी रेखाए बनी हुई होती है ! खड़ी रेखाए मित्रो का प्रतीक है व आड़ी रेखाए दुश्मनों का प्रतीक है ! अर्थात यदि आपकी उंगलियों के पर्वो के मध्य अधिक आड़ी रेखाए है तो आपके हितेषी कम ही होंगे व बुरा चाहने वाले अधिक होंगे ! इसके विपरीत यदि खड़ी रेखाए अधिक है व आड़ी रेखाए कम है तो आपके हितेषी अधिक होंगे ! यदि उंगलियों के पर्वो पर खड़ी और आड़ी रेखाओ का आभाव है तो व्यक्ति का जीवन बाहरी दुनिया से कटा हुआ होता है अर्थात न दुश्मन और न ही दोस्त !
यदि उच्च मंगल से कोई आड़ी रेखा आकर आपकी भाग्य रेखा को काट देती है तो समझ लीजिए की आपको जीवन में निश्चित ही किसी से धोखा मिलेगा या आपका दुश्मन आपको नुक्सान पहूचायेगा ही ! ऐसे दुश्मन प्राय "आस्तीन के साँप" की तरह होते है जो वक्त मिलने पर धोखा दे देते है !
यदि भाग्य रेखा और सूर्य रेखा को शुक्र पर्वत से आती हुई आड़ी रेखा काट देती है तो इसका अर्थ ये की परिवार वालो का विरोध या परिवार वालो की वजह से ही धनहानि व मानहानि का सामना करना पद सकता है है ! यदि रेखा शुक्र पर्वत से निकल कर भाग्य रेखा से मिल रही है तो व्यक्ति को परिवार वालो की मदद मिलती है !


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-नितिन कुमार
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